उत्तरप्रदेश

अमेठी से राहुल, रायबरेली से प्रियंका का चुनाव लड़ना तय

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली और अमेठी सीट से राहुल गांधी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, 26 अप्रैल के बाद दोनों के चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इसके बाद अगले हफ्ते नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं।

26 अप्रैल को दूसरे चरण के लिए मतदान होना है। इस चरण में केरल के वायनाड में मतदान होगा, इस सीट से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं। याद रहे है कि स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराया था।

ईरानी को भारतीय जनता पार्टी ने फिर से इस सीट से मैदान में उतारा है। सूत्रों के अनुसार,वायनायड में मतदान के बाद राहुल गांधी 27 अप्रैल को अमेठी जा सकते हैं। राहुल गांधी अमेठी से नामांकन कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए सीट समझौते के अनुसार, कांग्रेस 17 सीटों पर और समाजवादी पार्टी शेष 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस अपने पारंपरिक गढ़ रायबरेली और अमेठी के अलावा वाराणसी, गाजियाबाद और कानपुर सीट पर भी चुनाव लड़ रही है।

इससे पहले बुधवार को अमेठी के गौरीगंज इलाके में कांग्रेस कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के पोस्टर लगे थे। इससे वाड्रा को टिकट मिलने की अटकलें तेज हो गई थीं।

हालांकि, कांग्रेस हर सीट पर लड़ाई लड़ना चाहती है और इसीलिए उसने गांधी भाई-बहन को मैदान में उतारने का फैसला किया है। अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मतदान होगा।

हालांकि, राहुल गांधी के लिए अपने पुराने गढ़ में जीत आसान नहीं होगी क्योंकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रचार कर रही हैं। 8 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री ने अमेठी के प्रति राहुल गांधी की निष्ठा पर सवाल उठाया था।

उन्होंने कहा कि लोगों को पता है कि गांधी परिवार अमेठी से चुनाव लड़ने आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी अमेठी लोकसभा क्षेत्र में 19 लाख नागरिकों को राशन भेजते हैं, अगर गांधी परिवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ है, तो ये 19 लाख नागरिक जो मुफ्त राशन पा रहे हैं, गांधी परिवार इन परिवारों से क्या कहेगा?…

जीजा हो या साला, अमेठी में हर कोई मोदी का मतवाला : स्मृति
उधर, राबर्ट वाड्रा के चुनाव लड़ने की मांग का पोस्टर अमेठी में लगने के बाद बुधवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी खुलकर बोलीं। कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अब जीजा मांग रहे हैं अमेठी से। पहले साले साहब को मांग रहे थे। लेकिन.. मैं कहना चाहती हूं कि जीजा हो या साला, अमेठी में हर कोई है मोदी का मतवाला।

मैं कुछ दिन पहले वायनाड गई थी और मुझे जानकारी मिली कि राहुल गांधी ने वायनाड को अपना परिवार घोषित कर दिया है। कल एक कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने वायनाड को इसलिए चुना क्योंकि राहुल गांधी कहते हैं कि वायनाड के लोग ज्यादा वफादार हैं। तो अमेठी की वफादारी का क्या हुआ?

रायबरेली 1960 से कांग्रेस का गढ़ रहा है, जहां फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी दोनों ने प्रतिनिधित्व किया है। सोनिया गांधी 2006 के उपचुनाव में जीत के बाद से इस निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। सोनिया के उच्च सदन में जाने के बाद, कांग्रेस द्वारा प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने की संभावना है, जो पार्टी में महासचिव हैं।

कार्यालय और गौरीगंज में लगे वाड्रा के पोस्टर
अमेठी के सियासी रण का रोमांच हर दिन बढ़ रहा है। कांग्रेस सपा गठबंधन से अभी तक दावेदार का एलान नहीं किया गया है। कांग्रेसियों का दावा है कि 26 अप्रैल के बाद राहुल गांधी यहां आएंगे, लेकिन, बुधवार की सुबह एक नया नजारा देखने को मिला।

गौरीगंज कस्बे समेत कांग्रेस कार्यालय पर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि अमेठी की जनता करे पुकार, राबर्ट वाड्रा अबकी बार। यह पोस्टर गौरीगंज में कांग्रेस कार्यालय के साथ ही पूरे कस्बे में लगाए गए हैं।

दरअसल, बीते चार अप्रैल को राबर्ट वाड्रा का एक बयान आया था कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि मैं अपना पहला राजनीतिक कदम अमेठी में रखूं और यहां से सांसद बनूं। क्योंकि 1999 के चुनाव में प्रियंका के साथ जब चुनाव प्रचार किया तो वह अमेठी ही था।

उस समय की राजनीति अलग थी। वाड्रा के इस बयान के बाद अब गौरीगंज में जगह-जगह पोस्टर लगने से सियासत तेज हो गई है। इसकी खास वजह यह है कि कभी गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस राहुल गांधी को भाजपा की स्मृति जूबिन इरानी ने 55 हजार 120 मतों के अंतर से हरा दिया था।

अब जब 2024 के लिए चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। ऐसे में अभी तक कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं घोषित किया है। सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर हो रही है। पहले राबर्ट वाड्रा का बयान और अब पोस्टर लगाए जाने के पीछे का निहितार्थ तलाशने की कवायद चल रही है।

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