कालेज के दिनों को याद कर योगी आदित्यनाथ हुए भावुक, ऋषिकेश के महंत से किया एक वायदा
ऋषिकेश : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पुराने कालेज के दिनों को नहीं भूले हैं। इंटरमीडिएट की शिक्षा उन्होंने श्री भरत मंदिर इंटर कालेज ऋषिकेश से वर्ष 1989 में पास की थी। श्री भरत मंदिर स्कूल सोसायटी के अंतर्गत यह कालेज संचालित होता है।
ब्रह्मलीन महंत अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज की पुण्यतिथि पर श्रीमद् भगवत महायज्ञ का निमंत्रण को लेकर वर्तमान महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की।
कालेज के दिनों को याद कर योगी भावुक हो गए। उन्होंने छात्र संख्या, अध्यापकों आदि के बारे में विस्तार से वार्ता की। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि वह जब भी ऋषिकेश आएंगे तो श्री भरत मंदिर और अपने पुरातन कालेज जरूर पहुंचेंगे।
भरत मंदिर में 21 दिसंबर से श्रीमद् भगवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन
श्री भरत मंदिर इंटर कालेज की 25 जनवरी 2017 में हीरक जयंती मनाई गई थी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन, वह किन्ही कारणों से नहीं आ पाए थे। ब्रह्मलीन महंत अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज की पुण्य स्मृति पर श्री भरत मंदिर में 21 दिसंबर से श्रीमद् भगवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, उनके अनुज वरुण शर्मा, इंटर कालेज के प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत, प्रवक्ता जयकृत सिंह रावत ने बीते गुरुवार को लखनऊ में योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सभी अतिथियों को अंग वस्त्र से सम्मानित करते हुए श्रीमद् भगवत गीता, हनुमान चालीसा, तुलसी की माला और अयोध्या का राम दरबार का सिक्का भेंट किया।
महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 1989 में इसी कालेज से इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उसके बाद वह विज्ञान से स्नातक की शिक्षा पूरी करने के लिए कोटद्वार चले गए थे।
योगी आदित्यनाथ ने करीब एक घंटा तक बातचीत की
श्री भरत मंदिर इंटर कालेज के छात्र अजय सिंह बिष्ट वर्तमान में योगी आदित्यनाथ ने करीब एक घंटा तक उनके साथ बातचीत की। छात्र संख्या के बारे में मुख्यमंत्री ने पूछा तो उन्हें बताया गया कि जब वह यहां पढ़ते थे तो छात्र संख्या 2300 थी, वर्तमान में यह संख्या 1700 है। उन्होंने अपने समय के शिक्षकों के बारे में भी जानकारी हासिल की तो उन्हें बताया गया कि सभी अध्यापक सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना था कि जरूरी नहीं है कि सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में ही व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ सकता है। इसके लिए खेलकूद व अन्य माध्यम भी हैं।
उन्होंने कहा कि कालेज में कोई बच्चा यदि पढ़ाई में कमजोर है तो अभिभावक के साथ होने वाली मीटिंग में उसकी कमियों की जगह खूबियों को बताने की जरूरत है। क्योंकि कमियों को दूर करने के लिए शिक्षक और विद्यालय परिवार काफी है। इससे अभिभावक और बच्चे का मनोबल बढ़ा रहता है।
सहपाठी से मिल योगी गदगद
श्री भरत मंदिर इंटर कालेज के प्रवक्ता जयकृत सिंह रावत ने योगी आदित्यनाथ के साथ इंटर की पढ़ाई की है। कुछ माह पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब अपने घर पंचूर यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल आए थे तो अपने सहपाठी जयकृत सिंह रावत से मुलाकात हुई थी।
तब उन्होंने पुराने दिन याद किए थे। जयकृत सिंह रावत ने बताया कि लखनऊ में मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पुराने साथी से मिलकर काफी प्रसन्न नजर आए। उन्हें भी उनसे मिलकर बहुत खुशी मिली।
अच्छी बात यह है कि उनके हाथों से हमें सम्मान मिला है। उन्होंने बताया कि उनका मूल गांव योगी आदित्यनाथ के गांव से दो किलोमीटर दूर चमकोट गांव यमकेश्वर है। योगी आदित्यनाथ ने जनता इंटर कालेज चमकोट खाल से नौवीं तक की पढ़ाई की, स्कूल जाने के लिए हम दोनों का रास्ता एक ही था।
उसके बाद पिता आनंद सिंह बिष्ट का तबादला गजा टिहरी गढ़वाल हो जाने के बाद वह दसवीं की पढ़ाई करने वहां चले गए। पिता उस वक्त वन विभाग में कार्यरत थे। इंटरमीडिएट की शिक्षा उन्होंने श्री भरत मंदिर इंटर कालेज से पूरी की। वह भी योगी आदित्यनाथ की कक्षा में उनके सहपाठी थे।