कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जनता कर्फ्यू का उत्साह राज्यवासियों ने दिखाया, लॉकडाउन के दिन सोमवार को नजर नहीं आया
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर एक रोज पहले जनता कर्फ्यू के दौरान जिस तरह का उत्साह राज्यवासियों ने दिखाया था, वह लॉकडाउन के पहले दिन सोमवार को नजर नहीं आया। पहाड़ से लेकर मैदान तक सभी शहरों-कस्बों में लोगों की बेरोकटोक आवाजाही रही।
खरीदारी के लिए जगह-जगह दुकानों में भीड़ उमड़ी रही। सार्वजनिक परिवहन बंद रहा, लेकिन सड़कों पर निजी वाहन धड़ल्ले से दौड़ते दिखे। लोगों और वाहनों को सुबह से रोकने-टोकने की जहमत नहीं उठाइ गई। ऐसे में लॉकडाउन को लेकर सवाल भी उठे। हालांकि, इस मामले में जिला प्रशासन की सुस्ती सबसे अधिक जिम्मेदार रही। सरकार ने लॉकडाउन को सफल बनाने के मद्देनजर जिलधिकारियों को अधिकृत किया है, लेकिन वे सुबह से दोपहर तक ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे।
ऊधमसिंहनगर के डीएम ने तो बाकायदा पत्रकार वार्ता कर घोषणा कर दी कि 25 मार्च से तीन दिन लॉकडाउन रहेगा। सरकार ने इस मामले में डीएम ऊधमसिंहनगर से पूरी जानकारी मांगी है। इस बीच दोपहर में प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राज्यों में लॉकडाउन को लेकर सख्त रुख अपनाने के बाद प्रदेश सरकार भी सक्रिय हुई। इसका नतीजा ये रहा कि शाम के वक्त से मशीनरी भी सक्त्रिय हुई और फिर शुरू हुआ टोका-टाकी का सिलसिला।
ऋषिकेश में सात लोगों को लॉक डाउन का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तो गोपेश्वर में चार लोगों को पकड़ने के बाद निजी मुचलके पर छोड़ा गया। देहरादून में भी शाम को पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर वहा से गुजर रहे वाहनों और लोगों को टोकना शुरू किया गया। उधर, देर शाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया के जरिये बताया कि मंगलवार से सुबह सात से दस बजे तक दुकानें, बैंक खुले रहेंगे। इसके बाद दुकानें व निजी वाहन भी बंद कर दिए जाएंगे।
बोले प्रदेश के मुखिया
त्रिवेंद्र सिंह रावत (मुख्यमंत्री उत्तराखंड) ने कहा कि कोरोना वायरस की चुनौती से निबटने को सरकार पूरी तरह से तैयार है। सभी लोगों को धैर्य का परिचय देते हुए 31 मार्च तक घरों में ही बने रहना है। बिजली, पानी, हेल्थ, सेनिटेशन जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं और रोजमर्रा की जरूरतों की सप्लाई में किसी तरह की कमी नहीं है। मेरी सभी लोगों से अपील है कि सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें। अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी प्रामाणिक सूचनाओं पर विश्वास रखें। अभी तक निजी वाहनों को अनुमति दी गई ताकि लोग अपने घर लौट सकें, लेकिन हम जल्द राज्य की सीमाएं पूरी तरह सील करेंगे।
लॉकडाउन में दिनभर फर्राटा भरते रहे निजी वाहन
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री कोरोना वायरस को लेकर स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं तो प्रदेश सरकार ने पूरे उत्तराखंड में लॉकडाउन के आदेश दिए हैं। वहीं, दूसरी और राजधानी देहरादून में ही लॉकडाउन तमाशा बनकर रह गया है। दिनभर निजी वाहन शहर में फर्राटा भरते नजर आए। हैरत की बात यह रही कि पुलिस ने भी रोकने की जरूरत नहीं समझी। प्रदेश की जनता को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने देहरादून समेत सभी जिलों में 31 मार्च तक लॉकडाउन के आदेश दिए हैं। लेकिन शासन के इस आदेश का पालन न तो आमजन ने किया और न ही प्रशासन ने। दिन भर निजी वाहन सड़कों पर दौड़ते रहे। सुबह से ही आम दिन की तरह वाहनों का आवागमन शुरू हो गया था।
देहरादून में प्रेमनगर, सहारनपुर चौक, प्रिंस चौक समेत अन्य कई जगहों पर पुलिस कर्मी इस आदेश का पालन कराते नजर आए, जबकि कई जगह इस आदेश का मजाक बनाया गया। बल्लूपुर चौक पर पुलिस फ्लाईओवर के नीचे खड़े रहकर धूप से बचते रहे। जबकि बल्लूपुर से मसूरी, देहरादून शहर, दिल्ली रोड व चकराता रोड की तरफ निजी वाहन फर्राटा भरते रहे। हालांकि लोगों को भी समझना चाहिए कि व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस की ही नहीं जनता की भी हैं। ऐसे में जब कोरोना वायरस विश्व भर में महामारी घोषित हो चुका है, केंद्र व प्रदेश सरकार आमजन को इस लाइलाज संक्रमण से बचाने के लिए लॉकडाउन के आदेश दे रही है, तो आमजन को चाहिए कि सरकार के आदेश का स्वागत करें और आवश्यक न हो तो घर पर रहकर उसे सफल बनाए।