हेल्पलाइन नंबर 104 पर14 हजार 683 से अधिक कॉल प्राप्त किए गए
वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने से और लॉकडाउन के हालात के बीच लोगों को परेशानी से बचाने के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन ‘104 और 18001801200’ अनवरत काम कर रही है। स्थिति यह है कि 17 दिन के भीतर इस हेल्पलाइन नंबर पर 31 मार्च तक 14 हजार 683 से अधिक कॉल प्राप्त किए गए हैं। 24 घंटे भी लगातार कॉल प्राप्त करने का आकलन किया जाए तो हर दो मिनट पर एक कॉल प्राप्त की गई है। यह आंकड़ा भी औसत में है और कई दफा तो एक कॉल खत्म नहीं होती कि दूसरी घंटी बज उठती है।
स्वास्थ्य महानिदेशालय में बनाए गए 104 के कंट्रोल रूम में हर दिन कॉल का ट्रेंड भी बदल रहा है। शुरुआत में लोगों को यह जानने की जिज्ञासा थी कि कोरोना वायरस से वह कैसे बच सकते हैं और इसके बाद जब इसने वैश्विक महामारी का रूप ले लिया तो लोग और सतर्क हो गए। विदेश या देश के भी किसी हिस्से से आने वाले हर एक व्यक्ति की जानकारी इसमें साझा की जाने लगी। इसके बाद जब लॉकडाउन लागू किया गया तो उन कॉल की संख्या बढ़ गई, जिसमें लोग यहां से वहां या बाहर से उत्तराखंड आने की मांग कर रहे थे। अब पिछले कुछ दिनों से खाने-पीने के संकट व ठहरने की दिक्कत को लेकर भी कॉल की संख्या बढ़ गई है। कॉल सेंटर के प्रभारी अधिकारियों का मानना है कि अब अधिकतर कॉल खाने-पीने की समस्या को लेकर आने लगी हैं। इस ट्रेंड में इजाफा होने की आशंका है।
समाधान के लिए जिलों के कंट्रोल को भेज रहे जानकारी
104 हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों को समाधान के लिए संबंधित जिलों के कंट्रोल रूम को भेजा जा रहा है। इसके साथ ही यहां दर्ज सूचनाओं को जानकारी के लिए स्टेट कंट्रोल रूम से भी साझा किया जाता है।
दून में भोजन संबंधी 493 शिकायतें दर्ज
देहरादून कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित जिला कंट्रोल रूम में एक अप्रैल तक 493 से अधिक शिकायतें दर्ज कर ली गई थीं। इनमें अधिकांश शिकायतें भोजन व ठहरने की समस्या से संबंधित हैं। हेल्पलाइन 104 की तरह यहां भी जरूरतमंदों की भोजन संबंधी शिकायतें बढ़ने लगी हैं। इसके अलावा बाहर से आए लोगों की खबर देने व उनकी निगरानी के लिए उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी में सैटेलाइट कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।