उत्तराखण्ड

विभाग की पूर्व में हुई बैठक में निर्णय लिया गया दल में कम से कम 33 प्रतिशत महिलाएं होनी चाहिए

प्रांतीय रक्षक दल में महिला जवानों की संख्या मात्र छह प्रतिशत है। अब इसे बढ़ाकर अब 33 प्रतिशत करने की तैयारी की जा रही है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पीआरडी एक्ट में संशोधन के बाद प्रांतीय रक्षक दल और विकास दल नियमावली 2023 बनाई जा रही है। नियमावली में महिला जवानों की संख्या बढ़ाने व्यवस्था की जाएगी।

प्रदेश में प्रांतीय रक्षक दल की महिला जवान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं, लेकिन दल में अभी इनका प्रतिनिधित्व बहुत कम हैं। जबकि, पिछले कुछ वर्षों में पुलिस और सेना में महिला जवानों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पीआरडी में प्रदेशभर में कुल 9300 जवानों में महिला जवानों की संख्या मात्र 600 है।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक दल में महिला जवानों की संख्या में इजाफे के प्रयास किए जा रहे हैं। 1948 के पीआरडी एक्ट में हाल ही में बदलाव किया गया है। इसके लिए अध्यादेश लाए जाने के बाद विभाग की ओर से नियमावली बनाई जा रही है।

नियमावली में सभी आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने बताया कि दल में धीरे-धीरे महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। जिन जिलों और ट्रेड में इनकी संख्या कम है, वहां संख्या बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाएगा।

विभाग में महिला पीआरडी जवानों को पहले मातृत्व अवकाश की सुविधा नहीं मिलती थी, लेकिन अब यह सुविधा मिलने लगेगी। विभाग की ओर से पीआरडी एक्ट में संशोधन कर दिया गया है। अब अगले 15 दिन के भीतर विभाग नियमावली लाने जा रहा है। इससे महिलाओं को पीआरडी में और बेहतर प्रतिनिधित्व मिल पाएगा।

एक्ट में संशोधन के बाद नियमावली बनाई जा रही है, विभाग की पूर्व में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि दल में कम से कम 33 प्रतिशत महिलाएं होनी चाहिए।

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