उत्तराखण्ड

गृहमंत्री शाह ने आईटीबीपी की रेजिंग डे परेड में पहुंच के हिमवीरों में भरा जोश

देहरादून में आज आईटीबीपी का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर रेजिंग डे परेड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, धन सिंह रावत और प्रेमचंद अग्रवाल भी परेड में शामिल हुए। इस दौरान गृहमंत्री ने सबसे पहले परेड का निरीक्षण किया। इस दौरान फाइव फ्रंटियर, ईस्ट फ्रंटियर, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर, नॉर्दन फ्रांटियर्स, नक्सल फ्रंटियर, महिला नक्सल फ्रंटियर, स्की फोर्स, कमांडो दस्ता, पैरा ट्रूपर्स की टुकड़ियां परेड में शामिल हुईं।

इस दौरान मुख्य अतिथि अमित शाह ने कहा कि भारत के प्रथम गांव से आए लोगों का स्वागत करता हूं। उन्होंने हिमवीरों को और 130 करोड़ की जनता को धनतेरस की शुभकामनाएं दी। कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हम यशगाथा लिखने में समर्थ हों ये कामनाएं हैं।  दिवाली के समय मेंनागरिक घर में दिए जलते हैं, तो एक दिया जवानों के लिए भी जलाएं। हम चैन की नींद सिर्फ इन्हीं जवानों के कारण सोते हैं। 62 सालों से देश की सीमाएं हिमविरों के कारण सुरक्षित हैं। हिमवीर सदैव चौकन्ने रहते हैं। मैं कुछ दिन पहले अरुणाचल में आईटीबीपी के जवानों के साथ रहा था। मैंने कहा था कि जब परिवार को आपकी जरूरत होती है तो उसी समय देश को जरूरत होती है। सेना की तर्ज पर सीएपीएफ का कोटा भी तय किया। जवानों की इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए  सातआईटीबीपी की बटालियन को हाल ही में स्वीकृति दी गई है।

उन्होंने कहा कि भारत चीन सीमा से कोई समाचार आता है तो ये सोचकर आराम से सो जाता हूं कि वहां आईटीबीपी का जवान खड़ा है। जब तक आईटीबीपी है तब तक देश की एक इंच भूमि को भी कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप देश कि चिंता करते हैं, आपके परिवार की चिंता भारत सरकार करेगी।

सीमांत गांव को दोबारा बसाना होगा

शाह ने कहा कि सीमांत गांव अगर खाली हो गए तो सीमाओं की सुरक्षा बहुत मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में ये जरूरी है कि वहां जो प्रथम गांव हैं, उन्हें सुविधाओं में भी प्रथम बनाया जाए। 168 गांव को एक साल में सड़क से जोड़ा जाएगा और बिजली व जरूरी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध हो जाएंगी। भारत चीन सीमा पर 2014 के पहले चार हजार करोड़ खर्च सलाना होता था, लेकिन अब यह बढ़ाकर 12 हजार करोड़ रुपये हुआ है। इससे जवानों के रहने के लिए बैरक, सड़क और हेलीपैड बनाए जा रहे हैं।

लोगों में दिखा उत्साह

आईटीबीपी सीमाद्वार में आयोजित परेड को देखने के लिए यहां हजारों लोगों की भीड़ जुटी है। स्वागत के लिए महिलाएं पारंपरिक परिधानों में भी आई हैं। वहीं, कई बच्चे सेना की वर्दी पहनकर पहुंचे हैं।

इन प्रोजेक्ट का हुआ लोकापर्ण

  • लद्दाख में 17000 फीट की ऊंचाई पर स्व ऊर्जा भवन का रिमोट लोकार्पण।
  • मातली उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश बसर, रंगमाती आसाम, रिक्रूट ट्रेनिग सेंटर अरुणाचल प्रदेश समेत 10 बैरक कालोकापर्ण।
  • लॉजिस्टिक ड्रोन का उद्घाटन। इसमें अग्रिम चौकियों पर प्रयोग होगा। यह ड्रोन 14000फीट तक उड़ सकता है। इससे सब्जियां व रसद को पहुंचाने में मदद करेगा। साथ ही दवाओं का भी परिवहन कर सकेगा।
  • ई स्मारिका का विमोचन। इसमें आईटीबीपी की उपलब्धियों का उल्लेख है।
  • शहीद स्मारिका का विमोचन। यह स्मारिका शहीदों की बहादुरी को बताएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button