दूनागिरि मंदिर तक पहुंची जंगलों में लगी भीषण आग, लपटों को देख श्रद्धालुओं की निकली चीख
द्वाराहाट। पहाड़ों में वनाग्नि जानलेवा साबित होने लगी है। कई क्षेत्रों में अकूत वन संपदा नष्ट होने के साथ वन्य जीव और जल स्रोत प्रभावित हो गए हैं। रविवार को द्वाराहाट स्थित मां दूनागिरि मंदिर मार्ग में जंगल की आग पहुंचने से श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई।
रविवार को दूनागिरि के जंगलों की आग मंदिर मार्ग में पहुंचने पर अफरा-तफरी मच गई। दोनों ओर से बंद मार्ग के बीच जब आग की लपटें तांडव करने लगी। तब दोनों तरफ से बंद सीढियों से कई यात्री मंदिर जा रहे थे। आग की लपटों ने ऐसा विकराल रूप धारण कर लिया था कि श्रद्धालु चीख पुकार के साथ अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। कुछ लोगों की गोद में बच्चे भी देखे गए। अफरातफरी के इस माहौल में मंदिर परिसर की दुकानें भी बंद हो गई।
हालांकि कोई बड़ी घटना नहीं घटी। हवा में तैरती आग लपटों और श्रद्धालुओं की चीख पुकार का वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होने के बाद कुमाऊं चीफ पीके पात्रो, मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं कोको रोसे, डीएफओ दीपक सिंह, जगमोहन रावत, रेंजर हरीश टम्टा आदि ने मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया। अधीनस्थों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।
रेंजर मदन लाल ने बताया कि विजयपुर वन पंचायत की ढलान में लगी आग हवा के तेज थपेड़ों के साथ मंदिर की सीढियों तथा दूसरी ओर के जंगलों तक पहुंच गई। जिस पर तत्काल नियंत्रण पा लिया गया। दस दिनों से धधक रही पहाड़ी, वन संपदा जलकर हुई राख पिछले दस दिनों से दूनागिरि पर्वत माला के जंगल धधक रहे हैं। विभागीय कर्मचारी तथा ग्रामीण आग बुझाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।
मगर मिश्रित जंगल और ढलान अधिक होने के कारण आग पर काबू पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। कई दिनों से लगी आग से विजयपुर वन पंचायत का 254 हेक्टेयर के साथ ही कई हेक्टेयर आरक्षित वन स्वाहा हो चले हैं। उधर, द्वारसौं वन पंचायत की आग घिंघारीखाल अल्मोड़ा हाईवे तक पहुंच गई। कुछ देर आवाजाही ठप रही। आग से उठते धुएं ने पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है।