National

केंद्र सरकार ने कश्मीर प्रशासन को चुनाव के लिए दिखाई हरी झंडी

केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में सुधरती कानूनी व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनावों के लिए जमीन तैयार करने के लिए प्रशासन ने वादी में रिक्त पड़े पंचायत हल्कों में चुनाव कराने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। यह चुनाव अगले साल की शुरुआत में कराए जा सकते हैं। केंद्र सरकार ने भी इस संदर्भ में राज्य सरकार को हरी झंडी दे दी है।

कश्मीर में लगभग 60 प्रतिशत पंचायतों में आतंकियों की धमकियों और मुख्यधारा के विभिन्न राजनीतिक दलों के बहिष्कार के चलते चुनाव नहीं हो पाए थे। जम्मू कश्मीर राज्य जो 31 अक्टूबर को दो केंद्र शासित राज्यों में पुनगर्ठित हुआ है, में वर्ष 2018 में पंचायतों के गठन के लिए चुनाव हुए थे। कश्मीर में 20,093 पंच-सरपंच पदों में से 12,565 खाली हैं। सिर्फ 6,162 पंच और 1,366 सरंपच ही चुने गए हैं। जम्मू संभाग में 15,800 पंच और 2,289 सरंपचों का चुनाव हुआ, जबकि पंच-सरपंच की 166 सीटें खाली हैं। लद्दाख प्रांत में 1,414 पंच व 192 सरपंच सीटों के लिए चुनाव हुआ है जबकि 45 सीटें खाली हैं।

राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में जल्द से जल्द राजनीतिक गतिविधियों को पूरी तरह सामान्य बनाने के लिए प्रयासरत है। इसलिए पांच अगस्त को एहतियातन हिरासत में लिए गए मुख्यधारा की राजनीति से जुड़े सभी प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं को चरणबद्ध तरीके से रिहा किया जा रहा है। इस समय करीब तीन दर्जन ही प्रमुख राजनीतिक नेता हिरासत में या नजरबंद हैं। इन्हें भी निकट भविष्य में रिहा किया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों जम्मू कश्मीर को लेकर नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजनीतिक गतिविधियों की बहाली, इंटरनेट जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी। बैठक में जम्मू कश्मीर ने विस चुनावों से पहले खाली पड़े पंच-सरपंच हल्कों में चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा गया।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी कर चुके बैठक

दो दिन पहले जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने भी जम्मू और कश्मीर के मंडलायुक्तों के अलावा जम्मू व कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षकों व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पंचायत चुनावों के संदर्भ में चर्चा की है। राज्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय ने पंचायत चुनाव कराए जाने के सवाल पर कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला भारतीय निर्वाचन आयोग ही लेगा। पंच-सरपंच के रिक्त पदों को भरने के लिए चुनाव केंद्र शासित राज्य लद्दाख में अलग से होंगे।

उप राज्यपाल रियासी में दे चुके हैं संकेत

जम्मू कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार रशीद राही ने कहा कि उप राज्यपाल जीसी मुर्मू ने भी कुछ समय पहले रियासी मे कहा है कि यहां जल्द ही सत्ता पूरी तरह जन प्रतिनिधियों के हवाले की जाएगी। मतलब यह कि यहां विधानसभा चुनाव जल्द होंगे, लेकिन विस चुनावोंं में आम लोगों का रवैया कैसा रहता है, उनके लिए माहौल कैसे बनाया जाएगा, यह सब खाली पड़े पंचायत पदों पर चुनावों से तय होगा। दो दिन पहले ही राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी चुनावों के संदर्भ में केंद्र शासित राज्य के सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं, दो-तीन दिन पहले नेकां-पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठकें होती हैं, इसी दौरान दिल्ली में जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर बैठक होती है, इन सभी गतिविधियों को महज संयोग नहीं कह सकते।

अब देखना यह है कि अगर मौजूदा परिस्थितियों में पंचायत चुनाव होते हैं तो क्या नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस उनसे दूर रहती हैं या नहीं। उनका इन चुनावों के प्रति अपनाया गया रवैया ही केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य की सियासत में उनके एजेंडे की जमीन तैयार करेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button