उत्तराखण्ड

राकेश टिकैत ने कहा- अग्निवीर योजना का वह विरोध करते हैं लेकिन यह विरोध हिंसक नहीं होना चाहिए

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अग्निवीर योजना का वह विरोध करते हैं लेकिन यह विरोध हिंसक नहीं होना चाहिए। जिस तरह से इसके विरोध में कहीं ट्रेन फूंकी जा रही है तो कहीं अन्य सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा जा रहा है, जो कि निंदनीय है।

किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा

राकेश टिकैत ने कहा कि केवल धरना प्रदर्शन के जरिए भी अपनी बात सरकार तक पहुंचाई जा सकती है। कहा कि आमजन को शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली मुफ्त मिलनी चाहिए। प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नए रायपुर के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।

तब तक नहीं हटेंगे, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी

अपनी जमीनों का उचित मुआवजा लेने के लिए किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके धरने को बार-बार हटा रही है। लेकिन किसान तब तक नहीं हटेंगे, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी। कहा कि अगर किसानों के आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास किया गया तो वह अधिकारियों और राजनेताओं के भवनों में बैठकर धरना देंगे।

नई योजना ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध लगातार

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की सेना में भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार को यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड में इस योजना को लेकर जमकर हंगामा देखने को मिला। बिहार में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन की एक बोगी को आग के हवाले कर दिया जबकि हरियाणा के पलवल में जबरदस्त हिंसा हुई।

राजधानी दिल्ली में आइटीओ में शुक्रवार को छात्र संगठन ने अग्निपथ स्कीम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। इस अग्निपथ स्कीम के विरोध के दौरान पुलिस और छात्र संगठन आइसा के कार्यकर्ताओं में झड़प देखने को मिली है। वहीं उत्‍तराखंड के कुमाऊं में भी लगातार इस स्‍कीम का विरोध हो रहा है।

अग्निपथ योजना के विरोध में दूसरे दिन शुक्रवार को हल्द्वानी में सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने नैनीताल नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस और प्रशासन से तीखी नोकझोंक हुई।

शुक्रवार को तिकोनिया चौराहे पर युवा मोदी सरकार की सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ युवक सड़कों पर उतर आए। उनका कहना था कि सेना में सर्वाधिक युवा उत्तराखंड से ही हैं। प्रदेश के ज्यादातर युवाओं का सपना सेना में जाने का होता है। लेकिन सरकार ने अग्निपथ माडल लाकर युवाओं के साथ छल किया है।

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