बृजभूषण गैरोला ने कहा- पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पुन: प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाता है तो वह डोईवाला सीट छोड़ने को तैयार
देहरादून जिले के डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले भाजपा प्रत्याशी बृजभूषण गैरोला ने कहा कि यदि पार्टी नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पुन: प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाता है तो वह उनके लिए डोईवाला सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं। डोईवाला सीट पर रिकार्ड मतों से जीत दर्ज करने वाले बृजभूषण गैरोला ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार वर्ष तक एक ईमानदार सरकार चलाते हुए प्रदेश में विकास कार्य किए हैं।
मुख्यमंत्री के दावेदारों के तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे
यदि पार्टी हाईकमान पुन: त्रिवेंद्र पर भरोसा जताते हुए मुख्यमंत्री बनाने के लिए हामी भरता है तो वह डोईवाला सीट छोड़ने के लिए तैयार है और यह उनके लिए सौभाग्य की बात होगी। यहां बता दें कि वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बाद भाजपा हाईकमान को मुख्यमंत्री का चयन करना है तो इसको लेकर दावेदारों के तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
त्रिवेंद्र की साख के साथ मेहनत रंग लाई
डोईवाला विधानसभा सीट पर भाजपा ने 29021 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी बृजभूषण गैरोला पर दांव खेला था, जिससे यहां पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की साख दांव पर लगी थी। मगर, बृजभूषण गैरोला की इस बड़ी जीत ने जहां डोईवाला में भाजपा के गढ़ को और मजबूत किया वहीं त्रिवेंद्र के कद को भी बरकरार रखा है।
डोईवाला सीट पर कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। मुख्य दल भाजपा और कांग्रेस में इस सीट पर टिकट के फाइनल करने में सबसे बड़ी मथापच्ची हुई। कांग्रेस ने जहां इस सीट पर अपने घोषित प्रत्याशी मोहित उनियाल को बदलकर गौरव चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया, वहीं भाजपा ने नामांकन दर्ज करने की अंतिम तिथि पर ही यहां मौजूदा विधायक तथा पूर्व मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद सिंह रावत के चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद बृजभूषण गैरोला को टिकट थमाया था। कांग्रेस इस सीट पर एकजुट होकर चुनाव लड़ी जबकि भाजपा के बागी जितेंद्र नेगी चुनाव मैदान में भाजपा को चुनौती दे रहे थे।
गुरुवार को चुनाव परिणाम सामने आए तो डोईवाला सीट भाजपा की झोली में गई और साथ इस सीट पर 29 हजार 21 रिकार्ड मतों से भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के गौरव चौधरी को महज 35925 मत मिले। जबकि भाजपा के बागी जितेंद्र नेगी 4785, आम आदमी पार्टी के राजू मौर्य केतन 3387 व उक्रांद के शिव प्रसाद सेमवाल को 1873 मतों पर संतोष करना पड़ा। इस सीट पर सात प्रत्याशी ऐसे रहे जो हजार के आंकड़े को भी नहीं छू पाए, बल्कि इनसे अधिक मत नोटा पर पड़े। खास बात यह रही कि इस सीट पर सभी 12 प्रत्याशी पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े थे।
बहरहाल 2014 के उप चुनाव को छोड़ दिया जाए तो अब तक के पांचों सामान्य निर्वाचन में डोईवाला सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। इस बार 29 हजार से अधिक मतों के साथ बृजभूषण गैरोला ने जीत हासिल कर भाजपा के गढ़ को और भी मजबूत करने का काम किया है। वहीं टिकट मिलने के बाद से ही बृजभूषण गैरोला पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में थे, जिसका लाभ उन्हें इस बड़ी जीत के साथ हासिल हुआ है।