उत्तराखण्ड आयुर्वेद कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ छात्रों ने जमकर किया हंगामा
निजी आयुर्वेद कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ आयुर्वेद छात्रों ने हर्रावाला स्थित आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन कर हंगामा किया। कहा कि हाईकोर्ट व राज्य सरकार के तमाम आदेशों के बाद भी निजी आयुर्वेद कॉलेज मनमानी पर उतारू हैं। छात्र-छात्राओं पर बढ़ा हुआ शुल्क जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। शुल्क जमा नहीं करने पर छात्रों को परीक्षाओं में न बैठने की चेतावनी दी जा रही है। छात्रों ने मनमानी करने वाले कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई करते हुए मुख्य व पूरक परीक्षाओं के फॉर्म विश्वविद्यालय में ही भरवाने की मांग की।
आयुर्वेद छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी व कुलसचिव प्रोफेसर माधवी गोस्वामी का घेराव किया। छात्रों ने लंबे समय से आंदोलन के बाद भी मांगों पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताते हुए हंगामा किया। छात्रों ने मनमानी के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि कई कॉलेज प्रबंधन छात्र-छात्राओं को बढ़ा हुआ शुल्क जमा करने के लिए कह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके नोटिस भी छात्रों को दिए गए हैं। शुल्क जमा नहीं करने पर पूरक परीक्षा में नहीं बैठने की चेतावनी देकर छात्रों को मजबूर किया जा रहा है। इस दौरान ललित तिवारी, फैजल सिद्दकी, अजय मौर्य, आदित्य शर्मा, जितेश राजपूत, प्रखर मिश्रा, शिवम शुक्ला, शिवम तिवारी, प्रज्ञा पांथरी आदि छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
शासनादेश की हो रही अनदेखी
छात्रों ने कहा कि पूर्व में भी 64 दिन तक निजी कॉलेजों की मनमानी के विरोध में आंदोलन किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप निजी कॉलेजों से बढ़ा हुआ शुल्क नहीं वसूलने के निर्देश दिए।
इस बावत बकायदा शासनादेश भी जारी किया गया था। जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया कि आदेश का पालन नहीं करने वाले कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई के साथ संबंधता समाप्त की जाएगी। लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है औ निजी कॉलेजों की मनमानी बढ़ती जा रही है।
कुलपति ने दिया सख्त कार्रवाई का आश्वासन
छात्रों की मांगों पर नाराजगी को देखते हुए कुलपति ने छात्रों को आश्वस्त किया। कहा कि वह टीम भेजकर इस बात की पड़ताल करेंगे कि कॉलेज प्रबंधन पूरक परीक्षाओं के लिए फॉर्म भरवा रहे हैं या नहीं। यदि कोई लापरवाही मिलती है तो ऐसे कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कहा कि जरूरत पड़ने पर मुख्य व पूरक परीक्षाओं के लिए छात्र-छात्राओं के फॉर्म विवि में ही भरवाए जाएंगे, जिससे परीक्षा बाधित न हो सके। विवि प्रबंधन द्वारा सकारात्मक आश्वासन मिलने पर छात्रों ने फिलहाल धरना स्थगित करने का निर्णय लिया है।
मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाने की मांग की
राजा राममोहन राय एकेडमी अभिभावक संघ ने स्कूल की मनमानी के खिलाफ दोबारा मुख्य शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की। अभिभावक संघ के अध्यक्ष राजकुमार सिंघल ने बताया कि स्कूल मानकों को ताक पर रखकर फीस में मनमानी बढ़ोतरी कर रहा है। अभिभावकों ने बीते आठ सालों में स्कूल द्वारा बढ़ाई गई फीस की जांच करने की मांग की है।
सिंघल ने कहा कि तीन साल में फीस में दस प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का नियम है। लेकिन कुछ स्कूलों ने मनमानी फीस वसूल करना शुरू कर दिया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अभिभावकों को अवगत करवाया कि उन्होंने विभागीय स्तर पर पूरे मामले की जांच करवाई है और रिपोर्ट आयोग को भेजी जा रही है।
प्रतिनिधिमंडल में मनमोहन जायसवाल, रजनीश जैन, अनुराग चौधरी, अमित गौतम, बबीता, मंजू, बबीता रानी, गीता गुरुंग, संगीता, प्रतिभा, सरिता ममगाई, रुकमणी, ममता, मनोज, प्रवीन समेत अन्य अभिभावक मौजूद थे।