उत्तराखण्ड

सीएम त्रिवेंद्र रावत ने डोईवाला शुगर मिल पराई सत्र 2020 -21 का किया शुभारंभ

वीएस चौहान की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को शुगर कम्पनी लि. डोईवाला के पराई सत्र 2020-21 का शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले साढ़े तीन सालों में सरकार का प्रयास रहा है कि किसानों को भुगतान समय पर एवं पारदर्शिता के साथ हो। धान का किसानों को ऑनलाइन पेमेंट किया और 24 घण्टे के अन्दर भी भुगतान किया। खाद का भी डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया। दुग्ध उत्पादकों को भी ऑनलाइन पेमेंट किया जा रहा है। सरकार ने कोशिश की कि किसानों को उनका पैसा सीधे उनके खाते में मिले। कोविड के कारण लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस वर्ष राज्य सरकार ने ढ़ाई सौ करोड़ रूपये किसानों को अनुदान के रूप में दिया। गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान किया गया है। हरिद्वार जनपद में एक प्राइवेट शुगर मिल बंद पड़ी थी। राज्य सरकार ने अपनी गारंटी पर मिल को ऋण दिया। 22 हजार किसान इस मिल में कार्य कर रहे थे। आज उस शुगर मिल में किसानों का 80 प्रतिशत भुगतान हो चुका है। राज्य सरकार ने किसानों के हित में हर सम्भव प्रयास किये हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि डोईवाला के इस प्लांट का आधुनिकीकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ने की आधुनिक किस्म को अपनाना जरूरी है। उत्पादकता बढ़ाने एवं मिलों को बचाये रखने के लिए आधुनिक प्रयोगों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र विकास के लिए एक-दूसरे पर निर्भर हैं। समग्र विकास के लिए दोनों का विकास जरूरी है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को 03 लाख रूपये तक एवं स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिकी के विकास के लिए हर न्याय पंचायत पर ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अभी तक 100 से अधिक ग्रोथ सेंटर बनाये जा चुके हैं। 16400 किसान इस मिल से जुड़े हैं, यह अच्छी बात है कि इस बार मिल की रिकवरी अब तक की सबसे अच्छी रिकवरी रही।

विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि देश में गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। किसानों के प्रति राज्य सरकार कितनी गंभीर है, यह इस बात को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस मिल के आधुनिकीकरण से गन्ना किसानों को तो फायदा होगा ही, मिल से अनेक लोगों के रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

इस अवसर अध्यक्ष गन्ना विकास समिति श्री भगत राम कोठारी, भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री शमशेर सिंह पुण्डीर, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष श्री खेम पाल सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र सिंह पंवार, श्रीमती आशा कोठारी, सचिव गन्ना विकास श्री चन्द्रेश यादव, डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक श्री मनमोहन सिंह आदि उपस्थित थे।

जबकि किसानों ने मुख्यमंत्री से गन्ने का समर्थन मूल्य कम से कम ₹450 प्रति कुंतल जल्द घोषित करने के लिए कहा साथी यह कि 15 दिन में किसानों को गन्ने की कीमत का भुगतान किया जाए सप्लाई के साथ तुलाई के उचित प्रबंधन की व्यवस्था भी हो और कई दिनों तक सेंटर पर जो गन्ना पड़ा रहता है या जो ट्रॉली आ खड़ी रहती हैं उनका निपटारा जल्दी किया जाए।

शेरगढ़ के किसान गुरदीप सिंह का कहना है कि गन्ने का रकबा दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है परंतु अच्छी वैरायटी का गन्ना इस्तेमाल होने के कारण इसका प्रभाव रिकवरी पर नहीं पड़ता है उन्होंने इस बात से इंकार नहीं किया है कि आने वाले समय में गन्ने का क्षेत्रफल और कम हो जाएगा क्योंकि किसान अपनी जमीन बेच रहे हैं और पलायन के कारण भी बहुत से लोग पहाड़ों से इस इलाके की ओर जमीन खरीदने आ रहे हैं। निश्चय ही इसका कुप्रभाव किसानों और मिल पर आने वाले समय में पड़ेगा ।

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