एलएसी पर हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद, 43 चीनी सैनिक भी मारे गए
भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में के पास चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए, वहीं इस झड़प के दौरान 43 चीनी सैनिकों के भी ढेर होने की खबर है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच जारी तनाव पर अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने कहा है कि वह लद्दाख सीमा पर जारी इस तनाव की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) के पास भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। भारतीय सेना ने कल एक बयान जारी कर बताया था कि गलवान घाटी के पास 20 जवानों शहीद हुए हैं, हम उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत और चीन दोनों ने डी-एस्केलेट करने की इच्छा व्यक्त की है और हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि 2 जून को अपनी टेलीफोनिक बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी ने भारत-चीन सीमा पर स्थिति पर चर्चा की थी।
अमेरिकी मीडिया का बयान
इस बीच अमेरिकी मीडिया के अनुसार, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय सेना के जवानों के साथ आमने-सामने की लड़ाई में उलझकर भारती को उकसाया है। 15 जून की देर शाम और रात को हुई हिंसक झड़प चीनी सैनिकों द्वारा डी-एस्केलेशन के दौरान यथास्थिति को एकतरफा बदलने के प्रयास का एक नतीजा थी। वॉशिंगटन एग्जामिनर में एक ओपिनियन पीस में लिखा गया है कि चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच लद्दाख में गलवान घाटी के पास चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए।इनमें एक कमांडिंग अफसर भी शामिल हैं। इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान हुआ है। भारतीय सेना की ओर से गलवन घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हुई झड़प में 20 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है। उधर, सूत्रों के अनुसार चीनी पक्ष के 43 सैनिकों के ढेर होने की बात कही गई है। हालांकि, इस बात की किसी भी पक्ष ने पुष्टि नहीं की है।
घटनाक्रम-
गश्त संबंधी समझौते के पेट्रोलिंग बिंदु 14 का पालन कराने के लिए 16 बिहार रेजीमेंट की टुकड़ी मौके पर गई।
सहमति के अनुसार चीन की टुकड़ी को वर्तमान स्थिति से पांच किलोमीटर पीछे चौकी नंबर 1 तक लौटना था।
पीछे लौट रहे चीनी सैनिकों ने शाम घिरने पर अंधेरे का फायदा उठाया और पलट कर भारतीय टुकड़ी पर हमला बोल दिया जो ठीक उनके पीछे थी।
चीनी सैनिकों ने भारतीय कमांडिंग अफसर संतोष बाबू व दो सैनिकों को राड और डंडे मारकर बुरी तरह घायल कर दिया।
अपने कमांडिंग अफसर व साथियों को लहूलुहान देख भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों पर जबर्दस्त हमला बोल दिया।
घंटों चले इस खूनी संघर्ष में राड, डंडे, लात व घूंसे का प्रयोग हुआ लेकिन एक भी गोली नहीं चली।
आधी रात को संघर्ष जब किसी तरह थमा दोनों पक्षों से बड़ी संख्या में लोग हताहत हो चुके थे।