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लंबे अंतराल के बाद अंतर्राज्यीय परिवहन बस सेवा शुरू, यात्रा होगी सरकारी गाइडलाइन के अनुसार, यात्रियों को रखना होगा जरूरी बातों का ध्‍यान

 देहरादून से वीर एस चौहान की रिपोर्ट 

कोरोना वायरस के कारण 22 मार्च को लॉक डाउन शुरू हो गया था। उसके बाद बहुत सारी चीजों पर प्रतिबंध लग गया था। इसमें अंतर राज्य बस सेवा को भी बंद कर दिया गया था। कोरोना के कारण उत्तराखंड में 22 मार्च से मौजूदा समय तक 192 दिन अंतर राज्य बस सेवा बंद रही।अंतरराज्यीय परिवहन  बस सेवा 30 सितंबर  बुधवार से फिर शुरू हो गई है। शुरुआत में रोडवेज प्रबंधन ने साधारण बसों को चलाने का निर्णय लिया है। इसके बाद यात्रियों की मांग व संख्या के अनुसार वाल्वो और वातानुकूलित बसों का संचालन किया जाएगा। बुधवार सुबह साढ़े पांच बजे से देहरादून आइएसबीटी से दिल्ली मार्ग पर पहली बस संचालित हुई। बसें दिल्ली के भीतर जाने के बजाए कौशांबी-गाजियाबाद तक चलेंगी। दिल्ली रूट पर उत्तर प्रदेश के जो मुख्य शहर बीच में पड़ेंगे, वहां के यात्री इन बसों में यात्रा कर सकते हैं। बसें सुबह साढ़े पांच बजे से रात्रि साढ़े दस बजे तक संचालित होंगी। इस प्रकार दिल्ली रूट पर उत्तराखंड की कुल 100 बसें संचालित होंगी। जिनमें अकेले दून से 22 बसें उत्तराखंड रोडवेज, जबकि 24 बसें यूपी रोडवेज की संचालित होंगी। हालांकि, अब तक उत्तर प्रदेश ने जवाब नहीं दिया है कि वह अपनी बसें बुधवार से चलाएगा या एक-दो दिन बाद से, लेकिन उत्तराखंड की ओर से अपनी बसें बुधवार से संचालन की सूचना उत्तर प्रदेश को भेज दी गई है। उत्तर प्रदेश के बाकी शहरों जैसे लखनऊ, बरेली, कानपुर, आगरा, सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, बिजनौर आदि के लिए उत्तराखंड की बसों का संचालन अगले दो-तीन दिन में आरंभ होगा। बस संचालन से पहले मंगलवार को रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने अन्य अफसरों के साथ आइएसबीटी व मंडलीय कार्यशाला का निरीक्षण किया। लंबे समय से खड़ी बसों की साफ-सफाई व इंजन की स्थिति जांचने के आदेश दिए गए।

उत्तराखंड से दिल्ली मार्ग पर चलने वाली बसों की जानकारी इस प्रकार है।

  • गढ़वाल मंडल: दून-दिल्ली, ऋषिकेश-दिल्ली, कोटद्वार-दिल्ली, हरिद्वार-दिल्ली, कालसी-दिल्ली, रुड़की-दिल्ली, श्रीनगर-दिल्ली, गोपेश्वर-दिल्ली, कर्णप्रयाग-दिल्ली, उत्तरकाशी-दिल्ली, रुड़की-हरिद्वार-दिल्ली, बीरोंखाल-दिल्ली, त्रिपालीसैंण-दिल्ली, पौड़ी-श्रीनगर-दिल्ली कुमाऊं मंडल -हल्द्वानी-दिल्ली, नैनीताल-दिल्ली, टनकपुर-दिल्ली, लोहाघाट-दिल्ली, रुदपुर-दिल्ली, रामनगर-दिल्ली, अल्मोड़ा-दिल्ली, सुरईखेत-दिल्ली, देघाट-दिल्ली, जौरासी-दिल्ली, सराईखेत-दिल्ली, बैजरो-दिल्ली, गंगोलीघाट-दिल्ली, धारचूला-दिल्ली, झूलाघाट-दिल्ली, पिथौरागढ़-दिल्ली, गनाई-दिल्ली, अटपेशिया-बागेश्वर-दिल्ली, रानीखेत-दिल्ली, कौसानी-दिल्ली, धरमघर-दिल्ली, बांसबगड़-दिल्ली, देवाल-दिल्ली, शक्तिफार्म-दिल्ली, बाजपुर-दिल्ली।

गढ़वाल से कुमाऊं के लिए भी बसों की सेवा होंगी।एक प्रदेश में होने के बावजूद गढ़वाल व कुमाऊं के बीच अब तक बस संचालन न होने से परेशान प्रदेश के हजारो यात्रियों को आज से राहत मिल जाएगी। दरअसल, इन दोनों मंडलों के बीच बस सेवा में यूपी का मार्ग पड़ने से अड़ंगा लगा हुआ था, लेकिन अब यह पेंच हट गया। बुधवार से देहरादून से नैनीताल, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर और पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, टनकपुर के लिए बसें संचालित होनी शुरू हो जाएंगी। इन स्थानों से भी बसें हरिद्वार व दून आ सकेंगी।

प्रशासन की टीम ने आईएसबीटी का निरीक्षण किया।अंतरराज्यीय परिवहन शुरू करने से पूर्व मंगलवार को जिला प्रशासन की टीम द्वारा दून आइएसबीटी का निरीक्षण किया गया। एडीएम प्रशासन बीर सिंह बुदियाल ने बस अड्डे की व्यवस्थाएं जांची व आइएसबीटी पुलिस को एसओपी के मुताबिक व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए। एडीएम ने निर्देश दिए कि कोई भी बस आइएसबीटी के बाहर न खड़ी हो और कोई यात्री बाहर न उतरे और न ही बाहर से बस में चढ़े। यह जिम्मेदारी पुलिस की होगी। आइएसबीटी के अंदर भी यात्रियों के बैठने की समुचित व्यवस्था और शारीरिक दूरी का अनुपालन कराने के निर्देश दिए गए। यात्रियों की थर्मल चेकिंग व नाम पते की जांच के लिए प्रशासन व पुलिस की टीम आइएसबीटी पर मौजूद रहेगी। एडीएम ने आइएसबीटी व बसों को सैनिटाइज करने के निर्देश भी दिए।

हर यात्री का नाम-नंबर होगा दर्ज  होगा यात्री की पूरी जानकारी प्रपत्र  में दर्ज की जाएगी।बसों में सफर करने वाले हर यात्री का नाम और मोबाइल नंबर परिचालक को एक प्रपत्र में दर्ज करना अनिवार्य होगा। बताया गया कि अंतरराज्यीय बस सेवाओं में चाहे यात्री उत्तराखंड से जाए या फिर आए, दोनों परिस्थितियों में देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर उसे पंजीकरण कराना होगा। यदि किसी कारणवश वह पंजीकरण कराए बिना प्रदेश में आता है तो यहां बस अड्डे पर प्रशासन की टीम उसका पंजीकरण करेगी। यह शर्त केवल उत्तराखंड की बसों के लिए ही नहीं बल्कि यहां आने-जाने वाली दूसरे प्रदेशों की बसों के लिए भी अनिवार्य रहेगी। बसें बीच रास्तों में रोकने के बजाए बस अड्डों से सीधे बस अड्डों तक चलेंगी।

उत्तराखंड रोडवेज की ओर से उत्तर प्रदेश रोडवेज मुख्यालय को पत्र भेज उत्तराखंड में संचालित होनी वाली बसों का ब्योरा मांगा है। उत्तराखंड ने अपना ब्योरा उपलब्ध करा दिया है। उत्तर प्रदेश ने पिछले माह सौ बसों का ब्योरा उत्तराखंड को भेजा था। इस सूची में लखनऊ, कानपुर, आगरा, बरेली व मेरठ समेत सहारनपुर आदि से बसें उत्तराखंड के लिए संचालित करने की बात कही गई थी।

उत्तराखंड और राजस्थान के बीच भी बसों का संचालन अगले दो-तीन दिन में शुरू हो जाएगा। दोनों राज्यों में सहमति बन गई है। उत्तराखंड की बसें जयपुर, अलवर व कोटा तक जाएंगी। हरियाणा के लिए भी बसों का संचालन अगले हफ्ते की शुरुआत तक शुरू हो जाएगा। पंजाब व चंडीगढ़ के लिए बसों के संचालन में कुछ वक्त लगेगा। हिमाचल प्रदेश ने अभी अपने यहां बस संचालन की अनुमति नहीं दी है। उत्तराखंड की चंडीगढ़ जाने वाली बसें हिमाचल होकर चलती हैं। रोडवेज महाप्रबंधक ने बताया कि हिमाचल से भी वार्ता चल रही। एक सप्ताह के अंदर हिमाचल भी बस संचालन की अनुमति देने पर विचार कर रहा है।

आने वाले समय में जल्द ही अंतर राज्य निजी बसें भी शुरू हो सकती हैं।उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच कुछ मार्गो पर चलने वाली निजी स्टेज कैरिज की बसों के संचालन में भी अभी वक्त लगेगा। इनमें दून के विकासनगर-सहारनपुर मार्ग के साथ ही चकराता-त्यूणी-सहारनपुर मार्ग के अलावा कुमाऊं क्षेत्र में रुद्रपुर-काशीपुर से बरेली आदि मार्गो पर संचालित होने वाली निजी बसें शामिल हैं।

दीपक जैन (महाप्रबंधक रोडवेज) उनका  कहना है कि सरकार की ओर से तय एसओपी के तहत बुधवार से दिल्ली मार्ग व गढ़वाल-कुमाऊं के बीच रोडवेज बसों का संचालन सामान्य किया जा रहा। यूपी के अन्य शहरों के लिए दो-तीन दिन में बसें शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा राजस्थान व अन्य राज्यों को लेकर बातचीत हो गई है। अगले एक हफ्ते में इन सभी के लिए बसें संचालित करने की पूरी उम्मीद है।

 

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