उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नौकरशाही और लालफीताशाही पर कड़ा रुख अपनाया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नौकरशाही और लालफीताशाही पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि शिकायतें गुणवत्तापरक ढंग से निस्तारित की जानी चाहिए। लंबित मामले अधिक संख्या में रहे तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। प्रत्येक सोमवार को सचिव स्तर पर मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित जन शिकायतों के समाधान की समीक्षा होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सुशासन को लेकर आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इस अवसर पर नौकरशाही और सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली उनके निशाने पर रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि निचले स्तर तक सुशासन दिखना चाहिए। जनता को अधिक सूहलियत दी जाए। जनता से जुड़ी प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जाना चाहिए। अनावश्यक औपचारिकताएं समाप्त की जाएं। शिकायतों के प्रकरण तेजी से निपटाए जाएं। इससे संबंधित लंबित प्रकरण कम से कम रहने चाहिए।

समाज कल्याण व स्वास्थ्य की समीक्षा करेंगी राधा रतूड़ी

मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग की अलग से समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्तियों तक पहुंचें और उनकी समस्याओं का समाधान करें। जिलों व तहसीलों में आम जनता से मुलाकात का समय निर्धारित किया जाए। तहसील दिवसों का रोस्टर तय होना चाहिए। बहुद्देश्यीय शिविरों के नियमित आयोजन और इनके व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए।

अपणि सरकार पोर्टल पर अधिक सेवाओं को जोड़ें

धामी ने कहा कि सुशासन जनता को महसूस होना चाहिए। इसमें फील्ड स्तरीय अधिकारियों व कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्हें अच्छा परिणाम देने को प्रेरित किया जाना चाहिए। इस काम में जिलाधिकारी को टीम लीडर की भूमिका निभानी होगी। प्रत्येक स्तर पर प्रभावी और सतत अनुश्रवण किया जाए। अपणि सरकार पोर्टल पर अधिक सेवाओं को जोडऩे की आवश्यकता है। उच्च स्तरीय बैठकों में स्पष्ट निर्णय लिए जाएं। उनका क्रियान्वयन तय समय सीमा में सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

घर-घर सेवाएं देने को बनाएं पुख्ता योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कामकाज में तेजी लाने को सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। विभागों के पास कितने मामले लंबित हैं, इसका ब्योरा आवश्यक है। ई-आफिस के अधिक उपयोग से पत्रावलियों की ट्रेकिंग आसानी से होती है। उन्होंने कहा कि घर-घर जाकर आम जन को जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पुख्ता योजना तैयार की जाए। पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जाएगा। बेहतर परिणाम मिलने पर इसे पूरी तरह क्रियान्वित किया जाएगा। इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। तमाम योजनाओं के लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से लाभ की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए।

स्कूलों में पढ़ाएं वरिष्ठ अधिकारी

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा की कि सरकारी स्कूलों का भ्रमण कर वहां बच्चों को पढ़ाएं। छात्र-छात्राओं को जीवन में लक्ष्य हासिल करने को प्रेरित किया जाना चाहिए। यह भी कहा कि सुशासन तब ही संभव है, जब व्यवहार में सुधार आए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सीमम गवर्नेंस की बात की और उसे प्रभावी तरीके से लागू भी किया। प्रदेश में इस दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन 1905 और 1064 को और प्रभावी बनाने को कहा। उन्होंने अंतर्विभागीय समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया।

बैठक में मुख्य सचिव डा एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, आर मीनाक्षी सुंदरम, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, आइटीडीए निदेशक अमित कुमार सिन्हा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मंडलायुक्त और चम्पावत जिले को छोड़कर सभी जिलाधिकारी शामिल हुए।

चारधाम में और सुदृढ़ होगी व्यवस्था

चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा को लेकर हुई बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त बनाने पर भी जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने बैठक में चारधाम और यात्रा मार्गों पर यात्रियों की सुविधा के लिए गई व्यवस्था का ब्योरा लिया। उन्होंने यात्रा मार्गों पर शौचालयों में स्वच्छता पर भी ध्यान केंद्रित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम व सुरक्षित हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु किन-किन बातों का ध्यान रखें, इस बारे में पर्यटन और स्वास्थ्य विभाग विस्तृत गाइडलाइन जारी करने के साथ ही इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक यहां से अच्छा संदेश लेकर जाएं, यह सभी का दायित्व है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे चारधाम यात्रा के साथ ही अन्य पर्यटक स्थलों की व्यवस्था की भी लगातार समीक्षा करें। यदि कहीं कोई कमियां हैं तो उन्हें तत्काल दूर कराया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button