उत्तराखंड मौसम अलर्ट : इन इलाकों में 24 घंटे में भारी बारिश
देहरादून : उत्तराखंड के तीन जिलों में अगले 24 घंटे में भारी से भारी बारिश के आसार हैं। राज्य मौसम केंद्र ने रेड अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है उनमें नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ शामिल हैं। राज्य के अन्य जिलों में कहीं तेज बौछार और कहीं मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।
बारिश से जन जीवन अस्तव्यस्त
उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक हो रही बारिश से जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। पिथौरागढ़ में उफनाए नाले को पार करने के दौरान व्यापरी बाइक के साथ बह गया। बागेश्वर में सरयू नदी और धारचूला में काली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में देर रात हुई जोरदार बारिश के कारण पहाड़ी से मलबा सड़क पर आने लगा। कुमाऊं मंडल में कई सड़के बंद हो गईं।
भारी बारिश से तवाघाट लिपुलेख, थल- मुनस्यारी मार्ग सहित तेरह मार्ग बंद है। जिसमे 11 ग्रामीण मार्ग है। नैनीताल में सुबह से हो रही तेज बारिश से नैनीताल भवाली रोड पर भोर में मलबा आ गया। जिससे दोनों तरफ से वाहनों का लंबा जाम लग गया। करीब डेढ़ घंटे के बाद आवागमन बहाल हो सका।
डोईवाला: हल्की वर्षा में ही सुसवा नदी में नजर आया कीचड़ युक्त पानी
हरादून व आसपास के क्षेत्रों में हुई हल्की वर्षा के बाद कई ग्रामीण क्षेत्रों में खेती को सींच रही सुसवा नदी में गंदा (कीचड़ युक्त) पानी नजर आया। जिसे देख कर स्थानीय किसानों में रोष है। मंगलवार सुबह आसपास के क्षेत्रों में हुई हल्की वर्षा के बाद सुसवा नदी में थोड़ा पानी का बहाव तेज देखा गया। कुछ वर्षों पूर्व पीने योग्य जल वर्तमान में प्रदूषित हो गया है। जिसमें देहरादून शहर की गंदगी के साथ ही नदी का जल कीचड़ युक्त नजर आया।
किसानों ने कहा कि इस तरह के विषैले जल को खेती में उपयोग करने से खेतों में उत्पन्न होने वाली सब्जियां खाद्यान्न की गुणवत्ता क्या होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जिला पंचायत सदस्य टीना सिंह ने कहा कि सुसवा नदी के प्रदूषित जल के मामले को जिला पंचायत बोर्ड बैठक के अलावा कई बार अन्य माध्यम से भी उठाया जा चुका है।
परंतु आज तक सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिससे स्थिति यह है कि दूधली, बुल्लावाला, नागल बुलंदावाला, सिमलास ग्रांट, समेत दर्जनों गांव में यह विषैले जल से सिंचाई की जा रही है। जिस कारण खेती पर इसका प्रतिकूल असर देखा जा रहा है। किसान उमेद बोरा ने कहा कि विभाग को जल्द ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर शुद्ध जल खेती के लिए उपयोग कराना चाहिए। अन्यथा आने वाले समय में बहुत ही विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती है।