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संजय राउत को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने 22 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा

नई दिल्ली, पात्रा चाल घोटोला मामले में शिवसेना सांसद के संजय राउत को कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने संजय राउत को 22 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया। बता दें कि बीते गुरुवार को मनी लांड्रिंग मामले में अदालत ने संजय राउत की हिरासत को 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था।

संजय राउत की पत्नी से हुई पूछता

संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से ईडी अधिकारियों ने शनिवार को पूछताछ की। करीब 9 घंटे की पूछताछ के दौरान ईडी ने उनसे कई सवाल पूछे। वर्षा राउत से पूछताछ इसलिए हो रही है, क्योंकि उनके खाते में पत्रा चाल घोटाले के एक आरोपित प्रवीण राउत की पत्नी के खाते से पैसे ट्रांसफर होने के प्रमाण ईडी को मिले थे।

31 जुलाई को गिरफ्तार हुए थे संजय राउत

ईडी गोरेगांव इलाके में स्थित पात्रा चॉल के पुनर्विकास से सबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले की जांच कर रही है। ईडी ने संजय राउत को 31 जुलाई की रात को गिरफ्तार किया था। स्थानीय अदालत ने उन्हें 8 अगस्त तक हिरासत में भेज दिया था। ईडी का कहना है कि संजय राउत और उनके परिवार ने आवास पुनर्विकास परियोजना में कथित वित्तीय अनियमितताओं के जरिए एक करोड़ रुपये से अधिक की आय की है, जो कि अपराध की श्रेणी में आता है।

ईडी संजय राउत और वर्षा राउत के दो सहयोगियों की करीब साढ़े 11 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क कर चुका है। यह संपत्ति गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक और संजय राउत के सहयोगी प्रवीण एम राउत की है। इन संपत्तियों में मुंबई के दादर में स्थित वर्षा राउत का फ्लैट और अलीबाग में किहिम समुद्र के किनारे पर आठ प्लाट शामिल हैं।

इन फ्लैट और प्लाटों का स्वामित्व वर्षा राउत और संजय राउत के सहयोगी सुजीत पाटकर की पत्नी स्वप्ना पाटकर के पास है। ईडी के मुताबिक चॉल के चॉल के पुनर्विकास में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड शामिल थी। इस चॉल में महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) से संबंधित 47 एकड़ में 672 किराएदार रहते थे।

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